Saturday, September 7, 2013

"निरंतर" की कलम से.....: सपनों को पकड़ने की चाह में

"निरंतर" की कलम से.....: सपनों को पकड़ने की चाह में: आकाश की हर दिशा में उड़ते हुए छितराए हुए सपनों को पकड़ने की चाह में निरंतर दिशा बदल बदल कर जीवन भर उछलता रहा कभी ऊँगलिया  सपनों...

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