मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Thursday, August 8, 2013
"निरंतर" की कलम से.....: किसका मन रखूँ
"निरंतर" की कलम से.....: किसका मन रखूँ: किसका मन रखूँ किसका ना रखूँ किसे खुश करूँ किसे नाराज़ करूँ मन में दुविधा को जन्म देता प्रश्न निरंतर मुंह खोले सामने ख...
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