मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Sunday, August 11, 2013
"निरंतर" की कलम से.....: कभी सोचा है ?
"निरंतर" की कलम से.....: कभी सोचा है ?: कभी सोचा है कैसे बचाती है जान नन्ही सी चिड़िया आंधी तूफ़ान से कभी ख्याल आया कहाँ सोता है गली का कुत्ता सर्दी की रात में ...
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