मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Saturday, July 27, 2013
"निरंतर" की कलम से.....: बरगद का पेड़
"निरंतर" की कलम से.....: बरगद का पेड़: मेरे घर के बाहर लगा बरगद का पेड़ आकाश से गिरने वाली वर्षा की नन्ही बूंदों को पत्तों की गोद में लेकर उन्हें धीरे से धरती पर लुड्का ...
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