Tuesday, March 20, 2012

निरंतर कह रहा .......: बिना माँ के

निरंतर कह रहा .......: बिना माँ के: साधन संपन्न , धनाढ्य ने कमरे की खिड़की से घनघोर बरसात का आनंद लेते हुए देखा माँ स्वयं भीग रही थी पर पुत्र के सर पर छोटी सी छतरी ताने उसे बरस...

निरंतर कह रहा .......: थोड़ा तुम आगे बढ़ो,थोड़ा मैं आगे बढूँ

निरंतर कह रहा .......: थोड़ा तुम आगे बढ़ो,थोड़ा मैं आगे बढूँ: मैं रात में   देर से सोता तुम कहती लाईट में नींद नहीं होती तुम भरती जोर के खर्राटे नींद मेरी भी उडती तुम पीती चाय ठंडी   मुझे गर्म चाय अच...

Sunday, March 18, 2012

Nirantar's.......: A sick thought

Nirantar's.......: A sick thought: A sick thought Reflects Agony of the heart Turmoil of the mind Smile far away Laughter forbidden Irritation in behaviour Becomes call of t...

Nirantar's.......: When somebody smiles?

Nirantar's.......: When somebody smiles?: When somebody smiles? Think before you Return the smile First, assess Why one is smiling If it is a sarcastic smile Forget it If your belo...

निरंतर कह रहा .......: यह कैसी परीक्षा है ?

निरंतर कह रहा .......: यह कैसी परीक्षा है ?: यह कैसी परीक्षा है जिस में शिष्य परीक्षक गुरु परीक्षार्थी है अनुभव की प्रतिष्ठा दांव पर है जिसने सिखाया वो अब गौण जिसने सीखा वो महान है स...

Nirantar's.......: Ultimately

Nirantar's.......: Ultimately: Ultimately What will happen? The day shall come When everybody shall be Turned into dust and air Nothing will remain Except the name That ...

Saturday, March 17, 2012

निरंतर कह रहा .......: लाचारी में

निरंतर कह रहा .......: लाचारी में: एक जोर की किलकारी गूंजी एक जान ने धरती पर आँखें खोली सड़क किनारे लेटी माँ की आँखें खुशी से नम हो गयी अगले ही पल खुशी हवा हो गयी सोचने लगी न...

निरंतर कह रहा .......: प्रकृती और पर्यावरण से मज़ाक कब बंद होगा

निरंतर कह रहा .......: प्रकृती और पर्यावरण से मज़ाक कब बंद होगा: चेहरे पर तनाव लिए खामोशी से सब अपनी परेशानियों से झूझ रहे आधी उम्र में पूरा दिख रहे  किसी को फ़िक्र नहीं हवा में धुएं का ज़हर बढ़ रहा खोल ...

Friday, March 16, 2012

निरंतर कह रहा .......: बोगेनवेलिया पुष्प तो बहुत सुन्दर होते तुम्हारे !

निरंतर कह रहा .......: बोगेनवेलिया पुष्प तो बहुत सुन्दर होते तुम्हारे !: बोगेनवेलिया पुष्प तो बहुत सुन्दर होते तुम्हारे लाल पीले सफ़ेद नारंगी और भी कई रंगों के दूर से ही लुभाते पास जाता हूँ तो कोई सुगंध नहीं पाता...

Thursday, March 15, 2012

निरंतर कह रहा .......: खोखली हँसी

निरंतर कह रहा .......: खोखली हँसी: पुरानी तसवीरें देखता हूँ सोच में डूब जाता हूँ उन हँसते हुए चेहरों को आसपास ढूंढता हूँ जो काल के गाल में समा गए कुछ चेहरे तो नहीं दिखते पर ...

निरंतर कह रहा .......: चेहरे

निरंतर कह रहा .......: चेहरे: मैंने देखे हैं   भांती भांती के चेहरे कुछ अपने में डूबे दुनिया से बेखबर फूल से कोमल कुछ चिंता से ग्रस्त दुखों के पहाड़ तले दबे हुए कुछ ऐसे ...

निरंतर कह रहा .......: कम से कम सुन तो लो

निरंतर कह रहा .......: कम से कम सुन तो लो: जो कह रहा हूँ कम से कम सुन तो लो बोलने से पहले ही बिना समझे ही उत्तर तो मत दो सब जानते हो मन में धारणा मत बनाओ बिना सोचे समझे प्रतिक्रया त...

निरंतर कह रहा .......: मुझे गलतफहमियों से बचाओ

निरंतर कह रहा .......: मुझे गलतफहमियों से बचाओ: इससे पहले की तुम सफलता की सीढ़ियों पर चढ़ जाओ शिखर पर पहुँच कर मुझे पहचानो भी नहीं मेरा मन को व्यथित करो तुम्हारे बारे में मेरी धारणा बदल ज...

Wednesday, March 14, 2012

निरंतर कह रहा .......: जीवन को नीरस ना बनाओ

निरंतर कह रहा .......: जीवन को नीरस ना बनाओ: जीवन   को नीरस ना   बनाओ नीरस जीवन वैसा ही होता       जैसे बिना मुस्कान के होंठ बिना रौशनी के नयन बिना स्नेह के दिल बिना हरीतिमा के पृथ्वी...

अपनी भूल को स्वीकार करना


अपनी भूल को स्वीकार करना ,आने वाले कई कष्टों का निवारण कर सकता है,एक भूल को छुपाने में कई और गलतियां निश्चित रूप से होंगी ,पता चलने पर इंसान अपने आप को दूसरों की आँखों में तो गिराएगा ही,स्वयं भी अपराध बोध से ग्रस्त रहेगा.
14-03-2012

'' दुख और चुनौती ''


दुःख का आना ही एक चुनौती है,जीवन में कोई भी ऐसा नहीं होगा ,जिसका जीवन में दुखों से पाला नहीं पडा होगा यह जानना सबके लिए आवश्यक है
दुःख के समय में अपने को कैसे सुद्रढ़ बनाएं रखें,भावनाओं को कैसे नियंत्रण में रखें,मन को कैसे सुव्यस्थित रखें
परिस्थितियों के अनुसार दुखों से लड़ना सीखें.यह सब जानने और सीखने के लिए अनुभवी और परिपक्व मनुष्य से सहायता एवं मार्गदर्शन लेना चाहिए
दुःख के समय उत्तेजित होने या घबराने से उनका निवारण नहीं हो सकता है.
14-03-2012

निरंतर कह रहा .......: जितना हँस सकूँ,उतना हँस लूँ

निरंतर कह रहा .......: जितना हँस सकूँ,उतना हँस लूँ: अब थकने लगा हूँ ज़िन्दगी से डरने लगा हूँ क्या होगा आने वाले बरसों में डर से सहमने लगा हूँ क्यों बूढा होता इंसान निरंतर सोचता हूँ क्यों लौट...

Tuesday, March 13, 2012

निरंतर कह रहा .......: किसी का जीवन भी व्यर्थ नहीं जाता

निरंतर कह रहा .......: किसी का जीवन भी व्यर्थ नहीं जाता: नन्हा चूजा एक दिन बोला अपनी माँ से भगवान् ने चील को क्यों बनाया ? चील हमारी दुश्मन जान हमारी लेती माँ को समझ नहीं आया कैसे शांत करे चूजे क...

निरंतर कह रहा .......: पतझड़ में फिर ठूठ सा दिखूंगा तब भी मेरी तरफ देखना न...

निरंतर कह रहा .......: पतझड़ में फिर ठूठ सा दिखूंगा तब भी मेरी तरफ देखना न...: कई बार उस सड़क से निकलता था पहले कभी नज़र उस कचनार के पेड़ पर नहीं पडी जो आज फूलों से लदा हुआ आने जाने वालों को अपनी ओर आकृष्ट कर...

निरंतर कह रहा .......: धन वैभव का खुशी से कोई लेना देना नहीं होता

निरंतर कह रहा .......: धन वैभव का खुशी से कोई लेना देना नहीं होता: उसकी आँखें विशालकाय कोठी की तरफ उठ ही जाती थी जिसमें सजी धजी जेवरों से लदी मेमसाब रहती थी सफ़ेद झक वर्दी में ड्राइवरों के साथ कई गाडिया खडी...

निरंतर कह रहा .......: जीवन एक विशालकाय कैनवास

निरंतर कह रहा .......: जीवन एक विशालकाय कैनवास: जीवन एक विशालकाय कैनवास से कम नहीं  चित्रकार परमात्मा का अमिट सृजन सुख दुःख , हँसी खुशी , विपदा , विलाप , दया , क्रोध प्यार , इर्ष्या द्वेष ...

Monday, March 12, 2012

निरंतर कह रहा .......: सब्र के कपडे पहन ले ,मन में सहनशीलता ओढ़ लें

निरंतर कह रहा .......: सब्र के कपडे पहन ले ,मन में सहनशीलता ओढ़ लें: तुम कहो मैं सुनूँ जैसा चाहो वैसा करूँ नहीं मानूं तो तुम रूठ जाओ फिर मैं तुम्हें मनाऊँ मैं कहूं तुम सुनो जो चाहूँ वो करो नहीं करो...

Sunday, March 11, 2012

निरंतर कह रहा .......: परिस्थितियों के अनुसार

निरंतर कह रहा .......: परिस्थितियों के अनुसार: ना सूरज का पूरब से निकलना बदलता ना पश्चिम में ढलना बदलता बदलना पड़ता तो मनुष्य को बदलना पड़ता परिस्थितियों के अनुसार ढलना पड़ता समय के सामने ...

Saturday, March 10, 2012

निरंतर कह रहा .......: लोग पूंछते मुझसे,होली क्यों नहीं खेली?

निरंतर कह रहा .......: लोग पूंछते मुझसे,होली क्यों नहीं खेली?: लोग पूंछते मुझसे होली क्यों नहीं खेली ? मैं कहता हूँ तुम्ही बताओ मैं कैसे होली खेलूँ कैसे दीपावली मनाऊँ कोई समझाए मुझे जब गरीब के सर पर छत...

निरंतर कह रहा .......: ऐ मालिक तेरी इस दुनिया में क्यों तूने ऐसा किया ?...

निरंतर कह रहा .......: ऐ मालिक तेरी इस दुनिया में क्यों तूने ऐसा किया ?...: ऐ मालिक तेरी इस दुनिया में क्यों तूने ऐसा किया ? किसी को राजा किसी को  रंक बनाया एक भरे पेट को भर रहा दूसरा खाली पेट लिए तरस रहा एक पैदा होत...

निरंतर कह रहा .......: नन्ही चिड़िया ने पंख फैलाए

निरंतर कह रहा .......: नन्ही चिड़िया ने पंख फैलाए: नन्ही चिड़िया ने पंख फैलाए उमंग उत्साह से उड़ चली आकाश को नापने  पहुँच गयी ऊंचे पर्वत के पास बार बार प्रयत्न किया  सफलता से दूर रही पार ना कर...

Friday, March 9, 2012

निरंतर कह रहा .......: जीत का सेहरा

निरंतर कह रहा .......: जीत का सेहरा: मैं तो एक दिन दुनिया से चला जाऊंगा छोड़ जाऊंगा पीछे कुछ रिश्ते कुछ पैसे , कुछ सामान मेरा मकान जिस में मैं रहता हूँ रह जायेंगी कुछ यादें कुछ...

Thursday, March 8, 2012

निरंतर कह रहा .......: ज़िन्दगी क्या है ,कोई ना जाना अब तक

निरंतर कह रहा .......: ज़िन्दगी क्या है ,कोई ना जाना अब तक: ज़िन्दगी क्या है कोई ना जाना अब तक सबने अपने अपने अंदाज़ से देखा उसे अपनी अपनी निगाहों से पहचाना उसे   किसी ने नाम दिया ज़न्नत का किसी ने द...

Nirantar's.......: We keep on postponing

Nirantar's.......: We keep on postponing: The old door of the Out house made a Creaking sound Whenever somebody Opened or closed it Always reminding To take care of it Nobody Both...

निरंतर कह रहा .......: कामयाबी नहीं मिली तो रोना किस बात का

निरंतर कह रहा .......: कामयाबी नहीं मिली तो रोना किस बात का: कामयाबी नहीं मिली तो रोना किस बात का रोने से किसको मिला है जो तुम को मिलेगा उठो अब खड़े हो जाओ मुंह लटकाना बंद करो हँसते हुए कमर क़स लो मे...

Nirantar's.......: A woman

Nirantar's.......: A woman: A woman Is a mother A daughter & a wife The only one to play Three roles in one life Full of love & affection Concern & compassion Patien...

निरंतर कह रहा .......: घ्रणा और द्वेष कहाँ से आ जाता है

निरंतर कह रहा .......: घ्रणा और द्वेष कहाँ से आ जाता है: शहर में साम्प्रादायिक दंगों के बाद आज कर्फ्यू का तीसरा दिन था खाने को घर में दाना नहीं बेचने के लिए आढ़तिए से जो सब्जी खरीदी थी पड़े पड़े ...

Wednesday, March 7, 2012

निरंतर कह रहा .......: पहली बार जब चढ़ा था पर्वत पर कोई

निरंतर कह रहा .......: पहली बार जब चढ़ा था पर्वत पर कोई: पहली बार जब चढ़ा था पर्वत पर कोई हाथ उसके खाली थे ना कोई औजार ना कोई सहारा ना हथियार ना पैरों में जूते थे केवल लगन , होंसला हिम्मत उसके...

निरंतर कह रहा .......: भला किसी का अगर करते हो

निरंतर कह रहा .......: भला किसी का अगर करते हो: ये ना समझना भला किसी का अगर करते हो तो बहुत बड़ा काम करते हो भला किसी का करो तो खुद का भी भला होता है इश्वर प्रसन्न ह्रदय संतुष्ट मन तृप्...

Nirantar's.......: Arrogance v/s silence

Nirantar's.......: Arrogance v/s silence: To provoke him I ridiculed him Laughed at his clothes Made a mockery of His personality Made faces at him Said nasty things To hurt his fee...

Tuesday, March 6, 2012

निरंतर कह रहा .......: जब भावनाओं का मनुष्य पर नियंत्रण हो जाता

निरंतर कह रहा .......: जब भावनाओं का मनुष्य पर नियंत्रण हो जाता: जब भावनाओं का मनुष्य पर नियंत्रण हो जाता मन और ह्रदय आहत हो जाता निराशा छाने लगती , मन भटकने लगता क्रोध अपना रूप दिखाने लगता ना कुछ कहने क...

Nirantar's.......: The heart and the mind

Nirantar's.......: The heart and the mind: What is in the heart? Is different from What is in the mind? Comes Out of the mouth Well calculated And Designed According To the situatio...

Nirantar's.......: Nobody listens to anybody

Nirantar's.......: Nobody listens to anybody: Nobody listens To anybody Everybody thinks He knows the best Starts speaking Before hearing What The other person Is saying If he agrees H...

Nirantar's.......: Life is a pandora's box

Nirantar's.......: Life is a pandora's box: Some Say life is nothing But an unfulfilled dream I feel life is a Pandora’s box Full of all possible Combinations From expected To unexpe...

निरंतर कह रहा .......: कौन तुम्हारा साथ देगा?

निरंतर कह रहा .......: कौन तुम्हारा साथ देगा?: तुम अनजान हो तो क्या हुआ ? जान पहचान भले ही ना बढ़ाना ना चाहो तो दुबारा ना मिलना सफ़र में थोड़ी दूर तो मेरे साथ चलो थोड़ा सा हँस बोल लो कुछ ...

निरंतर कह रहा .......: धूल का छोटा सा कण

निरंतर कह रहा .......: धूल का छोटा सा कण: धूल का छोटा सा कण मेरी आँख में क्या पडा जान का बवाल बन गया आँख को पानी से धोया रुमाल से पौंछा पर धूल का छोटा सा कण अपनी जिद पर अड़ गया बहुत ...

Monday, March 5, 2012

निरंतर कह रहा .......: कहने को छोटी सी चिड़िया थी

निरंतर कह रहा .......: कहने को छोटी सी चिड़िया थी: एक एक तिनका जोड़ कर बनाया था नीड़ उसने बहुत परिश्रम से बसने से पहले ही हवा के तेज झोंके ने कर दिया बेसहारा उसे समझ ना पायी कैसे हो गयी घर ...

Nirantar's.......: The winner

Nirantar's.......: The winner: When one loses Hope A positive thought Revives it When one is full of Hope A negative thought Loses it When one is defeated If one thinks ...

Sunday, March 4, 2012

निरंतर कह रहा .......: मुझे अपना रोता हुआ चेहरा मत दिखाओ

निरंतर कह रहा .......: मुझे अपना रोता हुआ चेहरा मत दिखाओ: मुझे अपना रोता हुआ चेहरा मत दिखाओ शीशे में खुद को कई बार रोते हुए देख चुका हूँ मुझे अपनी व्यथा मत बताओ मैं अपनी व्यथा दुनिया को कई बार बता...

निरंतर कह रहा .......: संगत में कुछ तो सीख जाऊंगा

निरंतर कह रहा .......: संगत में कुछ तो सीख जाऊंगा: खुश हूँ कोई तो जानने लगा है मुझको ठीक से प हचानने लगा है मुझको जो भी कहता हूँ ध्यान से सुनता है चुप रहकर सर हिलाता है हाँ में हाँ ...

Saturday, March 3, 2012

निरंतर कह रहा .......: सत्य -असत्य

निरंतर कह रहा .......: सत्य -असत्य: तुम मुझसे सत्य सुनना चाहते मेरा सत्य जानना चाहते पर अपना सत्य बताना नहीं चाहते असत्य के आवरण में अपना सत्य छुपाना चाहते सत्य की अपेक्षा करना...

Friday, March 2, 2012

Nirantar's.......: Once one Knows himself

Nirantar's.......: Once one Knows himself: Once one Knows himself Knows humanity Knows the road to God’s house Do what he likes Finds Peace and solace In life Enmity and hate Is le...

Nirantar's.......: Once one Knows himself

Nirantar's.......: Once one Knows himself: Once one Knows himself Knows humanity Knows the road to God’s house Do what he likes Finds Peace and solace In life Enmity and hate Is le...

निरंतर कह रहा .......: जिसने खुद को जान लिया

निरंतर कह रहा .......: जिसने खुद को जान लिया: जिसने खुद को जान लिया इंसानियत को पहचान लिया खुदा की रज़ा को ज़िन्दगी में उतार लिया समझो खुदा के घर का रास्ता जान गया खुदा का नूर उस प...

निरंतर कह रहा .......: अपेक्षाओं के समुद्र में

निरंतर कह रहा .......: अपेक्षाओं के समुद्र में: अपेक्षाओं के समुद्र में गोता लगाना छोड़ दो जितनी गहरायी में जाओगे गंद साथ लाओगे अपेक्षाओं की थाह फिर भी कभी ना पाओगे मन की व्यथ...