Thursday, April 19, 2012

"निरंतर" की कलम से.....: शक का प्यार में कोई स्थान नहीं होता

"निरंतर" की कलम से.....: शक का प्यार में कोई स्थान नहीं होता: सूरत और बातों से प्यार नहीं होता जिस्म की भूख मिटाना आँखों में आँखें डाल हाथ में हाथ पकड़ना इक दूजे को निहारना प्यार नहीं होता ...

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