Tuesday, March 13, 2012

निरंतर कह रहा .......: पतझड़ में फिर ठूठ सा दिखूंगा तब भी मेरी तरफ देखना न...

निरंतर कह रहा .......: पतझड़ में फिर ठूठ सा दिखूंगा तब भी मेरी तरफ देखना न...: कई बार उस सड़क से निकलता था पहले कभी नज़र उस कचनार के पेड़ पर नहीं पडी जो आज फूलों से लदा हुआ आने जाने वालों को अपनी ओर आकृष्ट कर...

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