मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Wednesday, March 14, 2012
निरंतर कह रहा .......: जीवन को नीरस ना बनाओ
निरंतर कह रहा .......: जीवन को नीरस ना बनाओ: जीवन को नीरस ना बनाओ नीरस जीवन वैसा ही होता जैसे बिना मुस्कान के होंठ बिना रौशनी के नयन बिना स्नेह के दिल बिना हरीतिमा के पृथ्वी...
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