मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Friday, March 9, 2012
निरंतर कह रहा .......: जीत का सेहरा
निरंतर कह रहा .......: जीत का सेहरा: मैं तो एक दिन दुनिया से चला जाऊंगा छोड़ जाऊंगा पीछे कुछ रिश्ते कुछ पैसे , कुछ सामान मेरा मकान जिस में मैं रहता हूँ रह जायेंगी कुछ यादें कुछ...
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