मेरा मन कुछ कहता है,
निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है,
विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं ,
उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ,
आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )
Saturday, March 3, 2012
निरंतर कह रहा .......: सत्य -असत्य
निरंतर कह रहा .......: सत्य -असत्य: तुम मुझसे सत्य सुनना चाहते मेरा सत्य जानना चाहते पर अपना सत्य बताना नहीं चाहते असत्य के आवरण में अपना सत्य छुपाना चाहते सत्य की अपेक्षा करना...
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