Friday, March 2, 2012

निरंतर कह रहा .......: अपेक्षाओं के समुद्र में

निरंतर कह रहा .......: अपेक्षाओं के समुद्र में: अपेक्षाओं के समुद्र में गोता लगाना छोड़ दो जितनी गहरायी में जाओगे गंद साथ लाओगे अपेक्षाओं की थाह फिर भी कभी ना पाओगे मन की व्यथ...

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