इंसान जन्म से ही
बंधनों में बंध जाता
चाहे सांसारिक हो
चाहे परमात्मा का हो
म्रत्यु से ही बंधन
मुक्त होत़ा
31-12-2011-51
मेरा मन कुछ कहता है, निरंतर मष्तिष्क को झंझोड़ता है, विचारों के मंथन से नए विचार आते हैं , उनकी अभिव्यक्ती कर रहा हूँ, आवश्यक नहीं है कि पाठक मेरे विचारों से सहमत हो(सर्वाधिकार सुरक्षित )