Sunday, December 4, 2011

जाने पहचाने रास्ते


जाने पहचाने
रास्ते पर चलना ही
श्रेयस्कर होता है
अनजाने रास्ते पर
चलने से ,
असफलता और
विपत्तियों
का डर रहता है
04-12-2011-45
डा राजेंद्र तेला,"निरंतर

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